所赍千金剑,通犀间碧玙。翡翠饰鸡必,标首明月珠。
墨出青松烟,笔出狡兔翰。古人感鸟迹,文字有改判。
仰彼朔风,用怀魏都。愿骋代马,倏忽北徂。凯风永至,思彼蛮方。
愿随越鸟,翻飞南翔。
惊风飘白日。
忽然归西山。
圆景光未满。
众星灿以繁。
志士营世业。
小人亦不闲。
聊且夜行游。
游彼双阙间。
文昌郁云兴。
迎风高中天。
春鸠鸣飞栋。
流猋激棂轩。
顾念蓬室士。
贫贱诚足怜。
薇藿弗充虚。
皮褐犹不全。
慷慨有悲心。
兴文自成篇。
宝弃怨何人。
和氏有其愆。
弹冠俟知己。
知己谁不然。
良田无晚岁。
膏泽多丰年。
亮怀璠玙美。
积久德愈宣。
亲交义在敦。
申章复何言。
灵芝生王地。
朱草被洛滨。
荣华相晃耀。
光采晔若神。
古时有虞舜。
父母顽且嚚。
尽孝于田垄。
烝烝不违仁。
伯瑜年七十。
彩衣以娱亲。
慈母笞不痛。
歔欷涕沾巾。
丁兰少失母。
自伤早孤茕。
刻木当严亲。
朝夕致三牲。
暴子见陵悔。
犯罪以亡形。
丈人为泣血。
免戾全其名。
董永遭家贫。
父老财无遗。
举假以供养。
佣作致甘肥。
责家填门至。
不知何用归。
天灵感至德。
神女为秉机。
岁月不安居。
呜呼我皇考。
生我既已晚。
弃我何其早。
蓼莪谁所兴。
念之令人老。
退咏南风诗。
洒泪满袆抱。
乱曰。
圣皇君四海。
德教朝夕宣。
万国咸礼让。
百姓家肃虔。
庠序不失仪。
孝悌处中田。
户有曾闵子。
比屋皆仁贤。
髫齓无夭齿。
黄发尽其年。
陛下三万岁。
慈母亦复然。
弹筝奋逸响。
新声好入神。
白日曜青春。
时雨静飞尘。
寒冰辟炎景。
凉风飘我身。
清醴盈金觞。
肴馔纵横陈。
齐人进奇乐。
歌者出西秦。
翩翩我公子。
机巧忽若神。
飞观百余尺,
临牖御棂轩。
远望周千里,
朝夕见平原。
烈士多悲心,
小人偷自闲。
国仇亮不塞,
甘心思丧元。
抚剑西南望,
思欲赴太山。
弦急悲声发,
聆我慷慨言。
微阴翳阳景,清风飘我衣。
游鱼潜渌水,翔鸟薄天飞。
眇眇客行士,徭役不得归。
始出严霜结,今来白露晞。
游者叹黍离,处者歌式微。
慷慨对嘉宾,凄怆内伤悲。
远游临四海。
俯仰观洪波。
大鱼若曲陵。
承浪相经过。
灵鳌戴方丈。
神岳俨嵯峨。
仙人翔其隅。
玉女戏其阿。
琼蕋可疗饥。
仰首吸朝霞。
昆仑本吾宅。
中州非我家。
将归谒东父。
一举超流沙。
鼓翼舞时风。
长啸激清歌。
金石固易敝。
日月同光华。
齐年与天地。
万乘安足多。